रोजी में बरकत के लिए क्या करें?
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रोजी में बरकत के लिए क्या करें? |
क्या आपको रोजी में बरकत की कमी ने परेशान कर रखा है?
क्या आप रिस्क और रोज़ी की तंगी से परेशान हाल है? रोज़ी में बरकत की दुआ-ऐ-फरमानी रोजी में बरकत का एक ऐसा आसान और असरदार अमल हैं जिस की फजीलत से अल्लाह ताला आपको आपकी रोजी में बेशुमार बरकत अता फरमाएगा।
चलिए पहले जानते हैं कि रोज़ी में तंगी किस वजह से आती है!!
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रोज़ी में तंगी आने की वजह-
आज कल अक्सर दीनदार लोगों को तंगी गरीबी और कर्जदारई की शिकायत है और रोजी की फिकर मे परेशान है। झूठ वा हराम से कमाने वाले तो आज बड़े आराम से सुकून की जिंदगी गुजार रहे हैं, लेकिन सच्चाई और हलाल तरीके से कमाने वाले तंगी में रहते हैं जैसे की हर वक्त उनको यह उलझन और हैरानी होती है कि अल्लाह ताला ने हर जानदार चीज के रिक्स की जिम्मेदारी ले रखी है तो फिर यह तंगी क्यों? क्यूँकि रिक्स और रोज़ी का मसला बड़ा नाजुक है तो इसे हम कुछ रिसाइल व रिवायतों से आपको समझाने की कोशिश करेंगे।
आज के दौर में कम इलम के मुसलमानों को कुछ लोग खूब बहकते हैं कि इस्लाम पर अमल करने से ( नउज़ो बिल्लाह ) कोई फायदा नहीं, मजहब पेट का मसला नहीं हल कर सकता। लेकिन यह सरासर धोखा और जहालत है।
लोग समझते हैं के पेट का मसला मौत तक महदूद है मगर मुखबीर-ऐ-सादिक सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम ने तो मरने के बाद भी पेट का मसला बाकी रहने की भी खबर दी है और इसका इलाज भी बतलाया है जिसका खुलासा यह है कि जो शख्स दुनिया में नेक अमाल के साथ जिंदगी गुजारेगा वह आखिर में जन्नत की नेमतों से खूब पेट भरेगा।
जो इंसान ईमान से बाहर है और जो कोई नेक अमल से खाली हाथ दुनिया से जाएगा वो ही वहां मोहताज होगा और उसको खाने के लिए "ज़क्कुम"(कांटेदार दरख़्त) और पानी की जगह पीने के लिए " खून-पीप और खोलता हुआ पानी" नसीब होगा।
हदीस ए नबी-सल्लल्लाहू अलैहीवसल्लम- "हजरत शाकिर बीन वादा गेमदी रजिअल्लाहुतालाअन्हू से रिवायत है कि रसूलअल्लाहसल्लल्लाहोअलैहि सल्लम ने फरमाया, "आए अल्लाह मेरी उम्मत को दिन के पहले हिस्से में बरकत दे!! और आप (सल्लल्लाहोवालेवसल्लम) जब कोई सरिया या लश्कर रवाना फरमाते तो दिन के पहले हिस्से में भेजते, हजरत सकीर रदियाल्लहुअन्ह ताजिर ( बिज़नेस मेन) थे, अपना माल-ए-तिजारत दिन के पहले हिस्से में भेजा करते, लिहाज़ा आप माल दार हो गये और आपका माल बढ़ गया, [रेफरेंस-मिस्कत हदीस नंबर ३७३० हज़रत ईबन-ए -अब्बास]
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ताला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया की - तुम ज़मीन पर जो कुछ भी हैं सारा का सारा ख़र्च कर दो (यानि की रह-ऐ-खुदा पे सदका करदो) तो भी सुबह के वक़्त जाने की फ़ज़िलियत को ना पर सकेंगे।
नोट- इस हदीस-ऐ-करीम से मालूम हुआ की सुबह का वक़्त बेशूमार खैर -ओ - बरक़त वाला हैं और सुबह के वक़्त सफर करना मुस्तहब(सवाब) हैं।
और जो लोग कारोबार करते हैं उन्हें भी सुबह जल्दी उठ कर अपनी तिज़ारत और कारोबार में लग जाना चाहिए, लेकिन आज देखने में आता हैं की अक्सर मुसलमान वक़्त की पाबन्दी नहीं करते वक़्त' बे 'वक़्त अपनी दुकाने और कारोबार शुरू करते हैं, फिर बे'बरकती का रोना रोते हैं और देर रात तक बेमतलब जागते रहते हैं जिससे सुबह की नमाज़ तो जाती ही हैं इनकी और तो और ये भाई अपने जॉब और कारोबार में वक़्त पर पहुच भी नहीं पाते। कुछ हमारे भाइयो का आलम ये भी देखा गया हैं कि अपने पड़ोस पर चार दोस्तों के साथ देर रात तक बेफिज़ूल की बातो में अपना क़ीमती वक़्त और उम्र दोनों बर्बाद किया करते हैं, फिर ये सुबह देर 1 2बजे सो कर उठा करते हैं और कहते हैं की मेरा काम कारोबार नहीं चल रहा हैं मुझे काम नहीं मिल रहा हैं।
और ऐसे शक़्स रोज़ी और रिज़्ज़ाक़ से बहोत परेशान रहते हैं। इसलिए हमें चाहिए मेरे प्यारे भाइयो की अपने प्यारे नबी "आका हुज़ूर सैयद-ऐ-आलम सल्लल्लाहु ताला अलैहि वसल्ल्म " के फरमानो पर हम अमल करें, ताकि "फज़ल-ऐ-इलाही" हम पर झूम झूम कर बरसे और रोज़ी में बरक़त हो !!
अल्लाह हम सब को फरमान ऐ मुस्तफा पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए और वक़्त की पाबन्दी करने की भी तौफ़ीक़ अता फरमाए।
रोजी में बरकत के लिए बेहतरीन अमल/वजीफा/दुआ -
[तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए है जो तमाम जहान का पालने वाला है जिसकी रहमत हर चीज को हासिल है और बेहिसाब दुरुद ओ सलाम हो सैयद उल मुरसलीन हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम पर जो तमाम जहानों पर रहमत बनकर भेजे गए और बेहिसाब रहमत नाजिल हो आप सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की आलो अशहब पर और तमाम मुसलमानों पर]
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दुआ -
"या जाल फादलील अज़ीम
सल्ली अला फादलीकल अज़ीम वलिहि वसाहबिहि
वबारिक वसलिम तफद्दाल
अलैना बे फदलीकल अज़ीम !!"
दोस्तों आप रोज़ी में बरकत की इस दुआ को हर नमाज़ के बाद 20बार पढ़े, इंशाअल्लाह आपकी रोज़ी में अल्लाहताला बेशुमार बरकत अता फरमाए। अमीन !!
मेरे प्यारे दोस्तों आपको हमारी पोस्ट अगर पसंद आई तो ज्यादा से ज्यादा अपने अजीजो तक हमारी इस पोस्ट को पहुचाये, ताकि उन्हें भी उनकी परेशानियों का हल मिल सके और आपको अल्लाह ताला और ज्यादा सवाबो और नेकियों से नवाज़े और इस सवाब के सदके आपकी रोज़ी रिज़्ज़ाक़ में दिन दोगुनी रात चौगुनी बरक़त अता फरमाए !!
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