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छे: इस्लामिक कलमे और उनका हिन्दी में तर्जुमा ।

छे: कलमे और उनका हिन्दी में तर्जुमा- छे: कलमे और उनका हिन्दी में तर्जुमा आइए जानते हैं छे: कलमे और उनका तर्जुमा नाजरीन हम सब जानते हैं कि इस्लाम में कलमो की क्या अहमियत है और उनकी क्या फजीलत है हम यह सब भी जानते हैं की मोमिन को मौत के वक्त कलमा तैयब पढ़ाया जाता है । तो आइए जानते हैं उसके क्या फायदे हैं ।  1 .पहला कलमा तय्यिब " ला इलाहा इलल्ला मोहम्मदुर रसुल अल्लाह" तर्जुमा  अल्लाह ताला के अलावा और कोई इबादत के लायक नहीं है। और हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो ताला वाले वसल्लम अल्लाह के रसूल है । नाजरीन हम आपको बताना चाहेंगे कि जो शख्स मौत के वक्त कलमाय तैयब पड़ता है उसे आला से आला जन्नत में मकाम नसीब होता है इस तरह उसके लिए जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं 2.दुसरा कलमा शहादत  " अशहादु अल्लाईल्लाह इलल्लाहु वशदु अन्ना मोहम्मदन अबदहु वा रसुल अल्लाह" तर्जुमा ‌ मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के अलावा कोई माबूद नहीं और गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्लल्लाहो ताला वाले वसल्लम अल्लाह के बंदे और उसके रसूल है। 3.तीसरा कलमा तमजीद "सुभानल्लाही वलहमदु लिल्लाहिल व लाइला इल्लल्लाहु वल्लाहु अक