शब-ऐ-कद्र क्या है और इसका महत्व क्या है?मुसलमान इसे क्यों बनाते हैं? शब-ऐ-कद्र क्या है और इसका महत्व क्या है?मुसलमान इसे क्यों बनाते हैं? शबे कद्र क्या है इसका महत्व क्या है मुस्लिम इसे क्यों मनाते हैं? चलिए हम आपको इस पोस्ट में शब-ऐ-कद्र और इसकी फजीलत के बारे में बताते हैं। मुसलमान हर साल रमजान के पाक महीने में शब-ऐ-कद्र मनाते हैं, शब-ऐ-कद्र को और लैलातुल कद्र भी कहा जाता है। शब-ऐ-कद्र इस्लाम में सबसे पवित्र रातों में से एक रात है। शबे कद्र की कोई निश्चित तारीख नहीं है, शबे कद्र इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के आखिरी 10 दिनों की विषम संख्या वाली रातो जैसे कि 21, 23, 25, 27 और 29 में पड़ती है। शबे कद्र इन रातों में से एक रात होती है लिहाजा मुसलमान शबे कद्र की फजीलत हासिल करने के लिए इन रातों में पूरी रात इबादत करते हैं। इन रातों में विशेष नमाज और दुआएं पढ़ी जाती है। शब-ऐ-कद्र मे कुरान नाजिल हुआ- शबे कद्र की रात में ही दुनिया में पहली बार कुरान शरीफ को नाजिल(लाया) किया गया। अल्लाह ताला कुरान शरीफ में फरमाता है "शबे कद्र हजार महीनों से बेहतर है इस रात की इबादत का सवाब 83