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¤¤Bismillah-Hirrahman-Nirrahim¤¤


Assalamualaikum_wa_rahmattulahe_wa_Barakatahu !!!

"Allah ke Naam se shuru jo tamam jahano ko banane wala aur usey palney wala hai!
aur Duroodo Salaam ho uskey aakhri Nabi Rasool’Allah (Sallallahu Alaihi Wasallam) par".

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Hamare peshe nazar pyaare pyaare Nabi-e-kareem, sarvar-e-do alam pyare mustafa(sallahu Alaihi Wassalaam) ka ye farman hai, ki tumhe dunaya me jis maksad ke liye Bheja gaya use pura karo, namaze padho din ko failao, achi batao ko sab ko batao, hame allah ki tarf hi laut jana hai, apne ilam ko badao aur logo ko ilam ki tarf laao, ham sb ko allah ki tarf fir se laut jana hai aur wo tum se tumhare amaal ka hisab lenga, sb ki salah karo, sb ko din o duniya ki batain samjhao, jo tumhe ilam hai use dusro tk failao, islam khud me bahot pyaara aur bahot khubshurat majhab hai,
Is website ke zariye mai apko islam ache aur behtar tarike se samjhne aur isme amal karne ka tarika bataunga,
Achi batain karna sunnat aur ise failana sadaq se km nahi hai, achi aur behtar niyat ke sath aao ham apne din-e-islam ko dusro tak le jaye, unhe sahin rasta dikhaye, unko sahin rah par le aaye..

♥ In’sha’Allah-Ul-Azeez !!!
– Allah RabbuL Izzat hume kehne sun’ne se jyada amal ki taufik dey,
– ‘Amr Bil Maroof wa Nahi Anil Munkar’ par amal ki taufik ata farmaye,
– Jab tak hume zinda rakhey Islam aur Imaan par zinda rakhey,
– Khatma humara imaan par ho.
!!! Wa Akhiru Dawana Anilhamdulillahe Rabbil A’lameen !!!

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रोजी में बरकत के लिए क्या करें। रोज़ी में बरकत का वज़ीफ़ा। रोज़ी में बरकत की दुआ ।

रोजी में बरकत के लिए क्या करें? रोजी में बरकत के लिए क्या करें? क्या आपको रोजी में बरकत की कमी ने परेशान कर रखा है?  क्या आप रिस्क और रोज़ी की तंगी से परेशान हाल है? रोज़ी में बरकत की दुआ-ऐ-फरमानी रोजी में बरकत का एक ऐसा आसान और असरदार अमल हैं जिस की फजीलत से अल्लाह ताला आपको आपकी रोजी में बेशुमार बरकत अता फरमाएगा।  चलिए पहले जानते हैं कि रोज़ी में तंगी किस वजह से आती है!! rozi me barkat ki dua rozi me barkat ka wazifa rozi me barkat k liye dua rozi me barkat ki dua hindi rozi me barkat ke liye surah rozi me barkat ke liye rozi me barkat ka taweez rozi me barkat ki tasbeeh   रोज़ी में तंगी आने की वजह- आज कल अक्सर दीनदार लोगों को तंगी गरीबी और कर्जदारई की शिकायत है और रोजी की फिकर मे परेशान है। झूठ वा हराम से कमाने वाले तो आज बड़े आराम से सुकून की जिंदगी गुजार रहे हैं, लेकिन सच्चाई और हलाल तरीके से कमाने वाले तंगी में रहते हैं जैसे की हर वक्त उनको यह उलझन और हैरानी होती है कि अल्लाह ताला ने हर जानदार चीज के रिक्स की जिम्मेदारी ले रखी है तो फिर यह तंगी क्यों? क्यूँकि रिक्स और रोज़ी का मसला बड

बिना कपड़ों के नहाने से गुस्ल और वज़ू होता है या नहीं?

नज़रिन चलिए आज हम इस पोस्ट में हमारे कुछ नौज़वान भाइयो और बहनों के कुछ सवालों का जवाब देते हुए गुस्ल और वज़ू के टॉपिक को पूरा करते हैं। हमारे कुछ भाई इस्लामिक मालूमात ना होने की वजह से गुस्ल और वज़ू के दरमियाँ इस कदर परेशान और हतास हैं की उन्हें इस्लाम बहुत ही शख्त नियम और कायदो से बँधा हुआ लगता हैं या फिर उन्हें कुछ दीन के अलीम इस कदर एहतियाद करने का पहाड़ा पढ़ा देते हैं की बंदा खुद में इस कदर उलझ जाता हैं की उसे सहीं और गलत का अंदाजा भी नहीं लग पाता की वो क्या सहीं कर रहा हैं और क्या गलत।  सच तो ये हैं की इस्लाम जितना शख्त और उसूलो से भरा हुआ दिखता हैं उतना हैं नहीं इस्लाम में बहुत सी चीज़ो में हमें बहुत छूट दी गई हैं बहुत सारी चीज़ो हो हम पर आसान किया गया हैं और लाजमी हैं की इस्लाम बहुत आसान और सरल नियमों को लेकर चलता हैं बस हमारी नासमझियो की वजह से हमारे कुछ भाइयो और बहनों को ये बहुत ही कठिन लगता हैं।  बिना कपड़ों के नहाने से गुस्ल और वज़ू होता है या नहीं?  चलिए पहले जानते हैं कि ग़ुस्ल क्या है?  ग़ुस्ल  एक अरबी शब्द है जिसका मतलब पूरे शरीर को नहलाना अर्थात स्नान देना होता है।

कैसे जाने की अल्लाह आप से खुश हैं??

कैसे जाने की अल्लाह आप से खुश हैं? कैसे जाने की अल्लाह आप से खुश हैं? आप के दिल-o-दिमाग मे कभी ना कभी ये सवाल तो आता ही होगा, कि मैं कैसे जानू की मेरा रब मुझसे खुश हैं भी या नहीं? क्या मेरी नेकीयो को मेरा रब कुबूल कर भी रहा है या नहीं? हम आपको इस पोस्ट में बताऐगे की आप कैसे ये पता कर सकते हैं कि आपकी नेकीयो को, आपकी नमाजो को और आपकी पाबंदियो को अल्लाह-ताला कुबूल कर भी रहा है या नहीं। जब अल्लाह आप से खुश होता है तो आप के जिस्म मे आप को कुछ निशानीया आप को दिखने लगती हैं । जब अल्लाह अपने बंदे से खुश होता है तो उस शख्स के चहरे मे एक अजीब तरह का नूर और कुछ अलग ही तरह की चमक दिखने लगती हैं, उसके दिल और दिमाग मे सुकून और उसके सीने मे ठंडाक उसे मेहसुस होने लगती है । उसे दुनिया से बढ़कर नमाज रोजे की फिक्र संतानें लगती है । कैसे जाने की अल्लाह आप से खुश हैं? "हज़रत अबदुल्लाह इब्ने  अब्बास फरमाते हैं " जब नेकिया कुबूल हो जाती है तो इन्सान के जिस्म में  पांच निशानी दिखने लगती है  1.  जब अल्लाह अपने बंदों से खूश होता है तब वो अपने बंदों के चेहरे इस तरह का नूर लाता है कि वो शख्स हमेशा खुश