रमजान क्या है ?
रमजान या रमदान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता मुस्लिम समुदाय इस महीने को बहुत पाक मानते हैं । रमजान शब्द अरब से निकला है अर्थात ये एक अरेबिक शब्द है जिसका अर्थ है "चिलचिलाती गर्मी वह सूखापन" ।
रमजान क्यों मनाया जाता है ?
इस्लाम धर्म की मान्यताओ के मुताबिक़ रमजान का महीना खुद पर नियंत्रण एवं संयम रखने का महीना होता है । रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के द्वारा रोजा रखने का मुख्य कारण है 'गरीबों का दर्द समझना' इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के महीने में रोजा रखकर दुनिया में रह रहे गरीब उनके दुख दर्द को महसूस किया जाता है। रोजे के दौरान संयम का तात्पर्य है की आंख मुंह नाक को नियंत्रन मे रखा जाना क्योंकि रोजे के दौरान बुरा ना सुनना बुरा ना बोलना बुरा ना देखना और ना ही बुरा एहसास किया जाता है इस तरह से रमजान के रोजे मुस्लिम समुदाय को उनकी धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ बुरी आदत को छोड़ने और आत्मा संयम रखना सिखाता है।
रमजान का महत्व क्या है?
मुस्लिम सामुदाय के प्रत्येक व्यक्ति के लिए रमजान का महीना सबसे पाक महीना है । रमजान के पाक महीने में सभी मुसलमान द्वारा रोजे रखे जाते हैं, माना जाता है कि रोजा रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अल्लाह द्वारा माफी दी जाती है । अतः प्रत्येक मुसलमान के लिए रमजान का महीना साल में सबसे पाक महीना होता है रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुले रहते हैं और कहां जाता है कि इस महीने में अल्लाह सभी शैतानों को 1 महीने के लिए कैद कर देते हैं । पूरे महीने भूखे प्यासे रोजे रखने के बाद ईद आती है और या मुस्लिम सामुदायिक का सबसे बड़ा त्यौहार होता है इस पर रोजे रखने वाले ईद के आने पर उसकी खुशी मनाते हैं ईद के कुछ दिन पहले बच्चे बूढ़े और जवान खरीददारी करते है । इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है। और भूखे प्यासे रहकर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाहों को अल्लाह माफ कर देता है ।
रमजान की फजीलत क्या है
रमजान के महीने में अल्लाह हर रात लोगों को जहन्नम से आजाद करता है। रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु ताला वाले वसल्लम फरमाते हैं की अल्लाह रब्बुल इज्जत रमजान में हर रात लोगों को जहन्नुम से आजाद करता ।
रमजान के पाक महीने में हर कोई अल्लाह की नेमत चाहता है और इसलिए ही रोजे रखे जाते हैं । रोजे रखना आसान नहीं होता रोजे के कड़े नियम और इसकी तमाम कठिनाइयों को जानते हुए भी रोजदार इस महीने का इंतजार करते हैं । कहा जाता है कि इस पाक महीने में ना केवल अल्लाह अपने बंदों के करीब होता बल्कि उनकी हर दुआ भी कुबूल करता है रोजा रखना पाक काम तो है ही लेकिन रमजान के दौरान अपने आप को हेल्थी रखना और हेल्दी डाइट लेना भी जरूरी है अक्सर देखा जाता है लोग रोजे के दरमियान शहरी वह इफ्तारी में कुछ भी खा लेते हैं जिससे उनकी हेल्थ में इफेक्ट पड़ता है।
तो चलिए दोस्तों आज जानते हैं की "शाहरी में और इफ्तार में ऐसा क्या खाएं जिससे आपकी हेल्थ अच्छी रहे और आप पूरे रोजे रख सके"। रोज मे सुबह से यानी शहरी से शाम में मगरिब तक भूखा प्यासा रहना पड़ता है इसलिए जरूरी है कि रोजे के दौरान ना केवल आप सेहतमंद रहे और आपकी डाइट भी ऐसी हो जो आपको कमजोर होने से बचाएं ।
साथ ही आप पूरे दिन बिना पानी के भी अच्छे से रह सके ।
रमजान में सहरी और इफ्तार दो समय ऐसे हैं जब आपको अपनी डाइट पर पूरा फोकस करना होता है ताकि जब आप लंबे अंतराल के बाद कुछ खाएं तो वो आपकी सेहत के लिए लाभदायक हो और फिर अगले दिन के लिए आपको ताकत दे
तो आइए जाने रोजे के दौरान क्या खाएं और किन चीजों से परहेज करना बेहतर होगा।
1. शायरी हो या इफ्तार हमेशा याद रखें कि कम तली हुई चीज ही ले। शायरी में खासकर ऑयली चीजों को दूर रखें । क्योंकि ऑयली चीज खाने से प्यास लगने की संभावना बढ़ जाती है ।
2. शायरी के समय कोशिश करें की प्रोटीन वाली डाइट ले और इसके साथ अधिक से अधिक फाइबर वाली चीज ले मल्टीग्रेन रोटी छिलके सहित फल अंडे पनीर आदि खाएं । कोशिश करें की भुने और उबली चीजों को ही खाएं।
3. शहरी के समय कैफीन वाली चीजों से बचें क्योंकि चाय और कॉफी आपके शरीर का पानी सोख लेती है और आपको बार-बार प्यार लग सकती है और यही नहीं पानी की कमी भी हो सकती हैं ।
4. सहरी के वक्त हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खाएं क्योंकि इसमें फाइबर होता है और फाइबर आपको प्यास से भी बचाएगा और लंबे समय तक आपके पेट को भरा रखेगा।
5.आप चाहे तो खजूर भी खा सकते हैं क्योंकि इसमें भरपूर ऊर्जा रहती है और नबी सल्लल्लाहो ताला वसल्लम इरशाद करते हैं कि "मोमिन के लिए सबसे बेहतरीन शहरी खजूर है" इसलिए इसे आप अपनी शहरी में शामिल कर सकते हैं।
हम आपको बेहतरीन डाइट बताएंगे जो आप शहरी में शामिल कर सकते हैं जिससे आप पूरे दिन पूरी उर्जा से बिताएंगे
1.आप अपनी शाहरी में चक्की का आटा दलिया शामिल कर सकते हैं। क्योंकि इसमें भरपूर फाइबर्स होता है
2.आप चाहे तो अपनी शाहरी में दही को भी शामिल कर सकते हैं या उसकी लस्सी बनाकर पी सकते हैं दही एक बहुत ही अच्छी चीज है जिसकी तासीर ठंडी होती है और आप को राहत देने में काम आती है ।
3. आप चाहे तो शहरी के 20-30 मिनट पहले एक गिलास पानी पीकर कोई एक फल खा सकते हैं ऐसा फल जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा हो जैसे तरबूज खरबूजा आदि ।
4. फिर रोटी खाए और सालन के साथ सालन में नमक कम हो क्योंकि नमक हमारे जिस्म का पानी सोख लेता है।
5.आप चाहे तो शहरी में आमलेट भी बना सकते हैं और आमलेट में ध्यान रखें कि नमक कम हो या तो उबला हुआ अंडा भी ले सकते हैं।
"नाजरीन यह बात तो हुई शायरी की अब हमें यह भी जानना जरूरी है की इफ्तार में ऐसा क्या ले जिससे हमारी हेल्थ अच्छी बनी रहे और हमारी सेहत में कोई खराबी ना आए ।"
देखा जाता है कि रमजान के दौरान लोग बिरयानी खाना नहीं भूलते लेकिन आपको इतना मालूम होना चाहिए कि रमजान के दौरान आपके लिए खासकर इस दौर के टाइम के हिसाब से बिरयानी खाना ठीक नहीं होता ।
नाजरिन हम सब जानते हैं बिरयानी एक हैवी(भारी) खाना होता है उसमें बहुत से मसाले और तेल डला होता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता इफ्तार के टाइम । रोजे के दौरान पूरा दिन भूखा प्यासा रहने की के बाद बेहतर है हल्का फुल्का बिना तेल मसाले का कुछ खाएं । आइए आज हम आपको बताते है कि इफ्तार के दौरान क्या खाएं और क्या ना खाएं ।
1. तले हुए पकोड़े बिल्कुल भी ना खाएं क्योंकि वह deep-fry होते हैं पकोड़े ना खाएं क्योंकि इसमें अत्यधिक तेल होता है जिससे आपके सीने में जलन और पेट बदहजमी हो सकती हैं ।
2. इफ्तार काफी लंबे अंतराल के बाद होता है इसलिए कोशिश करना चाहिए कि हम इसमें कुछ हल्का फुल्का खाएं ।
3. नाजरीन हमें कभी इफ्तार के टाइम कोल्ड ड्रिंक नहीं लेना चाहिए क्योंकि पूरे दिन भूखे प्यासे रहने के कारण कोल्डिंग सीधा जाकर आपकी आतं मे लगती है। बेहतर होगा की इफ्तार के टाइम आप जंक फूड को अवॉइड करें ।
4. नाजरीन फोल्डिंग के अलावा आप चाहे तो वाटरमेलन तरबूज खा सकते हैं ऐसा कोई फल जिसमें पानी ज्यादा हो वह ले सकते हैं या तो आप नींबू पानी भी पी सकते हैं ।
5. नाजरीन आप इफ्तार के टाइम भारी चीज ना खाएं बल्कि हल्की-फुल्की जैसे सूजी की बनी हुई चीजें उपमा या कुछ और ले सकते हैं लेकिन इसमें भी ध्यान रखें की यह ज्यादा तेल से बनाना हो ।
रमजान में ऐसा क्या करने से रोजा टूट सकता है ?
नाजरीन रमजान के दौरान रोजदार को बुरी सोहबतो से दूर रहना चाहिए। ना तो झूठ बोलना चाहिए ना किसी की गीबत बुराई करनी चाहिए । दंगे फसाद से दूरी बनाए रखना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कि दंगे फसाद या बुरी चीजों को देखने से भी रोजा टूट जाता है
ऐसा क्या करें जिससे रमजान में सवाब मिले?
हम देखते हैं कि कुछ लोग अपनी बीमारी के वजह से या कुछ और कारण की वजह से रोजे नहीं रख पाते तो ऐसे लोगों को किसी एक इंसान को पूरे रमजान खाना खिला देना चाहिए इससे आपको सवाब भी मिलता हैं।
नाजरीन रमजान के महीने में रोजदारो को इफ्तार कराना भी बहुत सवाब का काम है आप यह भी कर सकते हैं।
नाजरीन इस महीने आप को जकात भी देनी चाहिए अपनी हैसियत के हिसाब से आप जकात दे।
गरीबों के लिए कपड़े बना दे उन्हें कुछ पैसे दे दे ताकि वह अपनी ईद बेशुमार खुशियों से मना सकें ।
नाजरीन हमें यकीन है कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होंगी और आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फॉरवर्ड करके उन्हें और खुद को गुनाहों से बचा सकेंगे और नेकी की ओर चल सकेंगे आमीन ।
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