क्या इस्लाम में मेकअप, फेशियल, वैक्सिंग जायज़ है?
मेकअप (makeup)-
एक औरत अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए मेकअप कर सकती है लेकिन यह मेकअप वह अपने शौहर के लिए करें, मेकअप करके औरतें मार्केट तो जा सकती है लेकिन ना महरम मर्दों की उस पर नजर नहीं पड़ना चाहिए वरना मर्द उससे अट्रैक्ट होंगे और वह गुनहगार होगी मेकअप में वह केमिकल यूज किए जाए जिसमें pig fat ना हो, कोशिश करें कि जितना ज्यादा हो सके घर की बनी चीजें इस्तेमाल करें ताकि आगे चलकर चेहरे को नुकसान ना हो ।
ज्यादा से ज्यादा चेहरे पर शहद का इस्तेमाल करें क्योंकि कुरान में आया है कि शहद में अल्लाह ने शीफा रखी है रोज एक घंटा शहद में नींबू मिलाकर लगाने से चेहरा अंदर से glow करेगा और कोई क्रीम लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।अगर पिंपल हो तो शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर लगाएं उससे पिंपल खत्म हो जाएंगे, चेहरे के बाल निकालने के लिए थोड़े gelatin पाउडर में थोड़ा सा दूध मिलाकर 2 सेकंड के लिए माइक्रोवेव ओवन में रखे थोड़ा सा गर्म होने पर पूरे चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें फिर निकाल दे सारे बाल निकल जाएंगे यह एक face mask की तरह निकलेगा।
अगर आप ने मेकअप किया है और आपको बाहर जाना है, तो चेहरे पर नकाब लगाकर जाएं ताकि किसी भी ना मेहरम मर्द की नजर आप पर ना पड़े ।बाहर जाते वक्त abaya पहने जिससे जिस्म पूरी तरह cover हो, abaya ढीला हो ना ज्यादा टाईट हो, जिससे जिस्म की शेप नजर ना आए। Abaya बिल्कुल सादा हो ऐसा ना हो जो दूसरों को attract करे। औरत की इज्जत,
शर्म-o-हाया ही उसकी खूबसूरती है । हम आम दिनों में तो सब बातों का ध्यान रखते हैं लेकिन शादियों में सब कुछ भूल जाते हैं आजकल मिक्स gathering होती है, नहीं भी होती तो भी पर्दे का कोई ख्याल नहीं रखा जाता एक दिन एक दिखावे के लिए हम सब भूल जाते हैं और अल्लाह ताला को खूब नाराज करते हैं। हम इस दुनिया में सिर्फ थोड़े दिनों के लिए ही आए हैं जैसे हम नमाज़ रोज़े की पाबन्दी करते हैं वैसे ही हमे पर्दे का भी एहतराम करना चाहिए।
" जन्नत की औरतों का कुरान में ज़िक्र है कि वो सभी बा-हाया (यानी कि पर्दे वाली) होंगी।"
हेयर कटिंग (hair cutting)-
हेयर कटिंग की permission इस्लाम में है जैसा आपको और आपके husband को पसंद हो। लेकिन डायना cut या अजीब से अंदाज़ में हेयर cut ना हो कि अजीब सी शख्सियत नज़र आए, कुफ्र की तरह या boycut से परहेज़ करे। Full shave सर का औरत नहीं करवा सकती ये माना है। बालों को black color छोड़कर दूसरा color करवाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि किसी ना मेहरम की नज़र तक बालों पर ना पड़े।जितना हो सके natural मेहंदी का इस्तेमाल करे ताकि बालों को नुक्सान ना हो, वरना आज कल के हेयर dyes बालों को सफ़ेद कर देते है और इंसान फिर इनका मोहताज़ हो जाता है फिर इन्हे वो बार बार इस्तेमाल करता है, हमारे प्यारे नबी ने भी मेहंदी को ही इस्तेमाल करने को कहा है।
नैल पॉलिश (Nail polish)
Nail polish का इस्तेमाल कभी भी ना करे, जब आपको नमाज़ नहीं भी पढ़नी हो तब भी ना करे, क्यों कि मौत का कोई भरोसा नहीं कब आ जाए। मरने के बाद भी nail polish को body से निकलना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है,और अगर nail polish लगी रह गई तो जिस्म ऐसे ही दाफान होगा, इसलिए इसको बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करे। इसी तरह आज कल ऐसे भी मेहंदी के कोन मिल रहे है जो ऐसे chemicals से बने होते है जिन्हे लगा लेने से हाथो पर , एक परत सी चढ़ जाती है जिससे पानी skin तक नहीं पहुंच पाता। फिर ना आपका गुुस्ल होता है ना आपका ही आपका वज़ू इसलिए आपको इससे परेज़ करना चाहिए।
वैक्सिंग (Waxing)-
पूरी body की waxing करवाना जायज़ हैं। चेहरे के भी अनचाहे बालों को उखड़ा जा सकता हैं लेकिन eyebrows को touch नहीं किया जा सकता इनसे छेड़- खानी नहीं करनी चाहिए।upperlips भी बनाए जा सकते हैं और bleach भी करवाया जा सकता हैं।
ज़रेनाफ और अंडरआर्म्स 40 दिन के अंदर अंदर साफ करना जरूरी है। अगर किसी फंक्शन में mix gathering हो तो अब Abaya ना उतारे और मेकअप में हो तो भी नकाब ने उतारे। जब औरत को मरने के बाद दफनाया जाता है तो भी उसे हिजाब में पूरी तरह से cover करके दफनाया जाता हैं।क्या हम इतने बदकिस्मत है कि मरने के बाद ही हमे हिजाब नसीब हो??
किसी भी कीमत पर अल्लाह की नाफरमानी से बचें।
अपनी सफाई का खास खयाल रखें रोज नहाए अच्छे और साफ कपड़े पहने हर वक्त पाक रहे, वरना गंदे लोगों से फरिश्तों को भी नफरत होती है। सफाई आधा ईमान है जो भी करें इस्लाम के दायरे में करें की अल्लाह ताला नाराज ना हो कुछ दिनों की पाबंदी हमेशा के लिए जन्नत में अच्छा और ऊंचा मुकाम देगी। और दुनिया में अपनी मर्जी से जीयोंगे और अल्लाह ताला को नाराज करोगे तो हमेशा के लिए जहन्नम मिलेगी अब choice हमारी है हमें क्या करना है सब हमारे हाथ में हैं। अल्लाह ताला हम सबको पर्दा करने और सही रास्ते पर चलने की तौफीक अता फरमाए और हमें दीन ए इस्लाम से भटकने से बचाए आमीन सुम्मा आमीन।।
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