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जिस परफ्यूम में अल्कोहल हो उसे लगाने से नमाज़ होंगी या नहीं।

जिस परफ्यूम में अल्कोहल हो उसे लगाने से नमाज़ होंगी या नहीं।
जिस परफ्यूम में अल्कोहल हो उसे लगाने से नमाज़ होंगी या नहीं।
जिस परफ्यूम में अल्कोहल हो उसे लगाने से नमाज़ होंगी या नहीं।

मेरे प्यारे दोस्तो और मेरे भाइयों मै आज इस पोस्ट में हमारे नवजवान भाइयों के कुछ सवालों का जवाब दूंगा। मुझसे मेरे कुछ प्यारे दोस्तो ने पूछा कि क्या अगर हम deo या कोई परफ्यूम लगा ले जिस में अल्कोहल मिला हो और हमने उसमे नमाज़ पढ़ ली तो क्या हमारी नमाज़ हो जाएंगी या हमारी नमाज़ परफ्यूम में अल्कोहल होने की वजह से नहीं होंगी।
खुशबू के तालुक से कई सवाल आते है और कई लोग इसमें गुमराह भी हो जाते है।
हमारे भाइयों ने अलग अलग हाफ़िज़ और अलिमो से इस मसले में सवाल पूछे, सब को अलग अलग जवाब मिलता गया जैसे - अगर खुशबू या perfum में अल्कोहल हो तो वैसे भी २घंटो में वह उड़ जाता है फिर नमाज़ हो सकती है, या खुशबू जाने के बाद गूसाल वाजिब हो जाता है तो गुसाल कर के नमाज़ पड़ी जा सकती है। कुछ ने कहा शराब तो हराम है और आप ने उसे अपने जिस्म में मर लिया आपकी तो नमाज़ ही नहीं हो सकती। इस तरह अलग अलग लोगो को अलग अलग राए मिलती चली गई, और इन सब के बीच हमारे इस्लामिक भाई को मुसलसल इसका सही जवाब नहीं मिला पाया।
सवाल हमारे भाइयों ने पूछा कि जिस परफ्यूम में अल्कोहल हो उसे लगाने से नमाज़ होंगी या नहीं।
"फतावह मुहम्मद इब्न अल उठायमीन 11/252"
देेखिए इस मामले में जो सऊदी लाजना और दीगर उलमा का कहना ये ही है की जो शराब पी जाती है वो आमतौर पर परफ्यूम में डाली नहीं जाती है मतलब जो शराब पी जाती है, और जो परफ्यूम में होती है वो दोनों अलग अलग है।जो शराब परफ्यूम में डाली जाती है वो हकीकत में शराब का chemical form होता है जिसको इसोमस अल्कोहल कहा जाता है अगर आप अपने perfume के पीछे ध्यान से देखेंगे तो आपको इसोमास अल्कोहल,ethyal alchohal, मीथेन अल्कोहल ऐसे इसके फॉर्मूला देखने को मिलेंगे। और ये जो अल्कोहल का form होता है ये chemical form होता है, ये पीने वाला अल्कोहल नहीं होता जिसे पी कर नशा आए इस अल्कोहल को अगर कोई पीएंगा तो उसकी death भी ही सकती है। परफ्यूम के अंदर अल्कोहल को chemically फॉर्म किया जाता है ये शराब के मॉलिक्यूल से मिलता जुलता केमिकल फॉर्म होता है। ये वो शराब बिल्कुल नहीं होती जिसे सालो साल रख कर बनाया जाता है। तो ये शराब के किसी हुक्म में दाखिल नहीं है इसलिए इसका लगाना भी ठीक है और इसकी तिजारत भी हलाल है। चुकी ये हकीकत में असली अल्कोहल नहीं है ये इसोमार्स है शराब की कॉपी है एक तरह से केमिकल फॉर्म में, पर इसे पिया भी नहीं जा सकता। लिहाजा इसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है। और इसके इसतेमाल में कोई एहतेराज नहीं। पर हमारा कहना है कि आप इत्रा लगाए ज्यादा बेहतर होगा सबसे अच्छा सब से नेचुरल अल्कोहल का कोई मसला नहीं ना ही दिमाग में कोई शक, की पाता नहीं असली अल्कोहल है या नकली। तो फिर इन सब मसलों में क्यूं जाना, आप सब 'बेहतर होगा कि सब से अच्छा इतरा ही इस्तेमाल करे'।
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